परिचय:
बच्चों को कहानियाँ सुनना बेहद पसंद होता हैं। थोड़ी डरावनी और रोमांचक कहानियां बच्चों को ज्यादा आकर्षित करती हैं। यहाँ कुछ Ghost Stories for Kids दी गयी हैं। ये कहानियाँ बच्चों को डराने के साथ-साथ मनोरंजन भी करती हैं। भूतों वाली कहानियाँ सुनना बच्चों को रोमांचित करता हैं।
ये Ghost Stories for Kids बच्चों की कल्पनाओं को पंख देती हैं। इन कहानियाँ डरावनी नही बल्कि मजेदार होती हैं। बच्चें बिना डरे इन्हें पढ़ सकते हैं। यहाँ कुछ भूतिया कहानियाँ दी गयी हैं, तो चलिए शुरू करते हैं Ghost Stories for Kids का ये दिलचस्प सफर!
कहानी 1: पुरानी हवेली का रहस्य:
एक गांव के किनारे एक पुरानी हवेली थी। इस हवेली को भूतिया हवेली के नाम से जाना जाता था। जिसके बारे में लोग कहते थे कि वहां भूत रहते हैं। वहाँ राहुल और रिया नाम के दो दोस्त रहते थे। दोनों बहुत जिज्ञासु थे और उन्हें Ghost Stories for Kids बेहद पसंद थी। दोनों ने हवेली का रहस्य जानने का फैसला किया।
एक बार चांदनी रात में उन्होंनें हवेली में जाने की सोची। रास्ते में गांव के बुजुर्ग रामू काका ने उन्हें रोका और कहा, उस हवेली में मत जाना। वहां अजीब भूतों की आवाजे़ आती हैं। लेकिन बच्चों की जिज्ञासा और बढ़ गई।
राहुल और रिया टॉर्च और कैमरा लेकर हवेली की ओर बढ़े। उनके अंदर घुसते ही दरवाजा अपने आप बंद हो गया। कमरे में धूल जमी थी और हर कदम पर फर्श से चलने की अजीब आवाजे़ आ रही थी। अचानक एक खिड़की ज़ोर से बंद हुई, और दीवार पर एक परछाई दिखी। डर के कारण दोनों का दिल तेज़ी से धड़कने लगा।
दोनों परछाई के पीछे भागते हुए वे एक गुप्त कमरे तक पहुंच गए। वहां उन्हें एक पुरानी डायरी मिली, जिसमें हवेली के मालिक की दर्दनाक कहानी थी। असल में, उस मालिक की असमय मृत्यु हो गयी थी। जिसके बाद उसकी आत्मा को शांति नहीं मिली थी। इस रहस्य को जानकर बच्चें असली सच्चाई समझ गए।
दोनो डायरी लेकर दोनों गांव आए और रामू काका को सब बताया। सभी गांव वालों ने मिलकर उस आत्मा की शांति के लिए पूजा करवाई। इसके बाद हवेली से अजीब आवाजे़ बंद हो गईं।
इस घटना ने राहुल और रिया को सिखाया कि हर Ghost Stories for Kids के पीछे कोई न कोई कारण होता हैं। उन्होंने न केवल हवेली का रहस्य सुलझाया बल्कि डर को भी जीत लिया।
कहानी 2: स्कूल की लाइब्रेरी का भूत:
एक स्कूल में शंकर नाम का एक लड़का पढ़ता था। शंकर अपने दोस्तों के साथ स्कूल की लाइब्रेरी में जाता था। उन्हें Ghost Stories for Kids पढ़ना बहुत पसंद था। एक दिन, उन्होंने एक पुरानी किताब देखी, जिस पर धूल जमी थी। किताब खोलते ही एक हवा का झोंका आया और लाइट चली गयी। दोस्त डर गए, लेकिन शंकर ने हिम्मत नहीं हारी। अगले दिन, लाइब्रेरियन ने उन्हें बताया कि कई साल पहले एक छात्र की लाइब्रेरी में मौत हो गई थी। तब से लोग कहते हैं कि वहां भूत है। यह सुनकर शंकर को और भी Ghost Stories for Kids की याद आने लगी।
रात में शंकर ने हिम्मत करके सच जानना चाहा। वह लाइब्रेरी में छिप गया। जब आधी रात को दरवाजा स्वयं खुला और एक सफेद छाया दिखाई दी। शंकर घबरा गया और उसका दिल जोर से धड़कने लगा। भूतिया छाया की आवाज आयी, “मुझे इंसाफ चाहिए!” डरते हुए शंकर ने पूछा, “तुम कौन हो?” भूत ने बताया कि उसकी मौत एक दुर्घटना थी। लेकिन उसकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिली हैं। उसे मुक्ति पाने के लिए किसी को सच्चाई उजागर करनी होगी। यह सब किसी Ghost Stories for Kids जैसी घटना थी।
अगले दिन, शंकर ने प्रिंसिपल को सब कुछ बताया। फिर पुरानी फाइलों की जांच हुई और सच्चाई सामने आई। उस छात्र का नाम साफ हुआ और उसकी आत्मा को मुक्ति मिली। इसके बाद लाइब्रेरी में अजीब घटनाएँ बंद हो गईं।
शंकर और उसके दोस्त खुश थे कि उन्होंने एक भूत को इंसाफ दिलाया। इस घटना ने उन्हें सिखाया कि डर का मुकाबला करके ही सच्चाई तक पहुंचा जा सकता हैं। यह उनकी खुद की Ghost Stories for Kids बन गई।

कहानी 3: काली नदी का प्रेत:
एक गांव के पास एक काली नदी बहती थी। इसे गांव के लोग भूतिया नदी मानते थे। शाम के समय वहां जाने की हिम्मत किसी में नहीं थी। मानते थे कि रात में एक प्रेत वहां घूमता हैं। यह कहानी रोमांच और सस्पेंस से भरी Ghost Stories for Kids में से एक हैं।
एक राघव नाम का लड़का इन बातों पर यकीन नहीं करता था। दोस्तों की शर्त पर उसनें रात को काली नदी जाने का फैसला किया। वह एक लकड़ी और टॉर्च के साथ नदी के लिए निकल पड़ा। जैसे-जैसे वह नदी के पास पहुंचा,अजीब सी हवा उसे बेचैन करने लगी।
नदी किनारे पहुंचते ही उसे झाड़ियों में कुछ आवाजे़ सुनाई दी। उसने टॉर्च जलाई तो एक परछाईं तेजी से निकलती दिखी। उसकी घबराहट बढ़ गयी। फिर भी वह हिम्मत करकर आगे बढ़ा। तभी अचानक उसे एक डरावनी चीख सुनाई दी। Ghost Stories for Kids में अक्सर ऐसे ही रहस्यमय मोड़ आते हैं।
फिर अचानक एक बूढ़ा साधु प्रकट हुआ। उसने राघव से कहा, “यहां से वापिस जाओ, पुत्र! यह स्थान अशुभ है।” पर राघव ने सत्य जानने की जिद की। साधु ने बताया कि वर्षों पहले एक निर्दोष महिला को इसी नदी में डुबो दिया गया था। उसकी आत्मा अभी तक न्याय के लिए भटक रही हैं। यह रहस्य इस Ghost Stories for Kids को और भी रोमांचक बनाता हैं।
राघव ने साधु की मदद से उस आत्मा की मुक्ति के लिए पूजा की। पूजा के बाद, एक सफेद रोशनी चमकी और चारों ओर सुकून फैल गया। काली नदी की डरावनी कहानियां वहीं समाप्त हो गईं।
अब लोग निडर होकर वहां जाते हैं और राघव की बहादुरी की मिसाल देते हैं। यह Ghost Stories for Kids, जो डर के साथ-साथ साहस की सीख भी देता हैं।
कहानी 4: जंगल का साया:
एक बार की बात हैं एक घना जंगल था। जहाँ सूरज की रोशनी भी मुश्किल से पहुंच पाती थी। इस जंगल के बीचों में एक छोटा गाँव था। गाँव के लोग Ghost Stories for Kids जैसी कहानियाँ सुनाते थे। उनका कहना था कि रात होते ही जंगल में एक भूत घूमता हैं।
राहुल नाम का एक युवक Ghost Stories for Kids पर विश्वास नहीं करता था। एक दिन उसका दोस्त अर्जुन जंगल में खो गया। वह उसको खोजने जंगल गया। राहुल ने एक मशाल उठाई और जंगल की ओर बढ़ गया।
जंगल के अंदर घुसते ही उसे अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं। घने पेड़ों और झाड़ियों के बीच चलते-चलते अचानक उसकी मशाल बुझ गई। चारों ओर अंधेरा छा गया। तभी, उसे एक भूत जैसी आकृति दिखी। उसकी धड़कने तेज हो गयी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने जोर से चिल्लाया, “अर्जुन! कहाँ हो तुम?”
अचानक, भूत गायब हो गया और दूर से अर्जुन की हल्की आवाज आयी। राहुल उस दिशा में दौड़ पड़ा। उनसे देखा कि अर्जुन एक पेड़ के नीचे घायल पड़ा था। अर्जुन ने डरते- डरते बताया कि उसे भी वही भूत दिखा था, जिसने मुझे घायल किया ।
राहुल ने किसी तरह अर्जुन को गाँव वापस लाने की सोची। रास्ते में फिर से वह भूत दिखाई दिया। इस बार राहुल ने निडर होकर जोर से कहा, “हमें छोड़ दो “! अचानक, वह साया धुएं की तरह छंट गया और रास्ता साफ हो गया।
गाँव पहुँचकर उन्होंने पुजारी से इस रहस्य का कारण पूछा। पुजारी ने बताया कि यह जंगल की आत्मा हैं। डरने वालों को वह फंसाती हैं। हिम्मत और विश्वास ही इसे दूर भगाते हैं।
इस घटना के बाद, गाँव के लोग निडर होकर जंगल जाते। राहुल और अर्जुन की बहादुरी की कहानी पूरे गाँव में प्रेरणा बन गई। इस तरह की Ghost Stories for Kids बच्चों को साहस और विश्वास सिखाती हैं।

कहानी 5: भूतिया स्टेशन:
रात के अंधेरे में आनंदपुर रेलवे स्टेशन सुनसान पड़ा था। ट्रेन गुजरे कई घंटे हो चुके थे। लोगों का मानना था कि यहां आधी रात को एक महिला की रोने की आवाजें आती हैं। एक विक्रम नाम का युवा पत्रकार, “Ghost Stories for Kids” के लिए खबर जुटाने आया था।
विक्रम के पास एक कैमरा और टॉर्च थी। वह जैसे ही प्लेटफॉर्म पर आया उसने ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। चारों ओर अंधेरा और सुनसान था। विक्रम ने टॉर्च और कैमरा ऑन किया। उसे दूर से किसी के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर उसके कदम थम गए।
वह हिम्मत करते हुए आवाज की दिशा की तरफ बढ़ा। आवाज के नजदीक पहुंचते ही टॉर्च की रोशनी में उसे एक औरत की परछाई दिखाई दी। वह औरत सफेद साड़ी में लिपटी, जमीन पर बैठी रो रही थी। विक्रम ने डरते हुए कैमरा उसकी ओर घुमाया, वह अचानक गायब हो गई। विक्रम के हाथ-पैर कांपने लगे। उसने वापस जाने की सोची, लेकिन तभी दरवाजा ज़ोर से बंद हो गया।
यह सब देखकर विक्रम को यकीन हो गया कि यह वाकई “Ghost Stories for Kids” के लिए एक परफेक्ट कहानी हैं। घबराते हुए विक्रम दरवाजा खोलने लगा, लेकिन वह नही खुला। तभी उसे किसी के कदमों के चलने की आवाजे़ सुनाई दी। उसने मुड़कर देखा तो वही औरत, बिना पैर जमीन पर टिकाए, उसकी ओर बढ़ रही थी। उसकी आंखें कोयले की तरह काली थीं। विक्रम चिल्लाना चाहता था, पर आवाज गले में ही अटक गई।
अचानक दरवाजा खुल गया और एक ठंडी हवा का झोंका आया। विक्रम ने बिना पीछे देखे वहां से भागना शुरू किया। किसी तरह स्टेशन से बाहर निकलकर वह बेहोश हो गया। जब सुबह आंख खुली तो वह अस्पताल में था। कैमरा उसके पास ही था, लेकिन सारी रिकॉर्डिंग डिलीट हो चुकी थी।
आज भी अगर कोई “Ghost Stories for Kids” सुनाना चाहता हैं, तो आनंदपुर स्टेशन की यह कहानी जरूर सुनाता हैं। लोग कहते हैं कि उस स्टेशन पर आज भी उस औरत की आत्मा भटकती हैं, अपने अधूरे इंतजार में।
कहानी 6: राजमहल का शापित कमरा:
बहुत समय पहले, विजयगढ़ नाम का एक राज्य था। यहाँ जहाँ वीर सिंह राजा का शासन था। उनका राजमहल भव्यता प्रसिद्ध थी। महल में एक कमरा था, जिसे शापित कहा जाता था। यह रहस्य और रोमांच से भरी Ghost Stories for Kids में से एक हैं। उस कमरे को कभी नहीं जाता था। कहते थे कि जो भी उस कमरे में गया,आज तक वापस नहीं लौटा।
राजा जहाँ वीर सिंह के पुत्र साहसी और जिज्ञासु थे। उन्होंने अपने पिता से उस कमरे के बारे में पूछा, लेकिन राजा ने नहीं बताया। एक रात, उनका पुत्र अर्जुन ने उस कमरे मे जाने की सोची। वह चुपके से चाबियाँ लेकर उस शापित कमरे की ओर चल दिया। उसके दरवाजा खोलते ही एक ठंडी हवा का झोंका और परछाई दिखाई दी। यह दृश्य किसी Ghost Stories for Kids जैसा डरावना था।
कमरे के अंदर एक पुराना शीशा था, जो अर्जुन की तरफ आ रहा था। जैसे ही उसने शीशे में देखा, वह परछाई दिखाई दी। अर्जुन को आवाज आयी कि, “तुमने मेरे कैदखाने का दरवाजा खोल दिया!” इसके बाद शीशे की परछाई ने उसे अपनी ओर खींच लिया।
सुबह के समय सेवकों ने कमरे का दरवाजा खुला देखा। लेकिन अर्जुन का कोई पता नहीं चल सका। राजा वीर सिंह ने दुखी होकर कमरे को हमेशा के लिए बंद करवा दिया। कहा जाता है कि कभी-कभी उस कमरे से अर्जुन की आवाजें और मदद की पुकारें सुनाई देती थीं। यह कहानी Ghost Stories for Kids की तरह रहस्यमयी और डरावनी थी।
समय बीतता गया, पर शापित कमरा अपने रहस्यों के साथ वहीं खड़ा रहा। लोगों ने उस रास्ते से गुजरना तक बंद कर दिया।
कहानी 7: प्रेतबाधा वाला गांव:
एक गाँव में हर अमावस्या की रात को अजीब घटनाएँ होती थीं। वहाँ के लोगों का मानना था कि गाँव के पास वाले पीपल के पेड़ पर प्रेतबाधा हैं। वह हर अमावस्या को किसी न किसी पर सवार हो जाती है। यह घटना Ghost Stories for Kids जैसी थी।
एक रात, मोहन और उसके दोस्त उस पीपल के पेड़ के पास गए। चारों ओर सुनसान और ठंडी हवा चल रही थी। अचानक अजीब सी आवाजे़ और पेड़ों की सरसराहट ने उन्हें घेर लिया। मोहन के दोस्त बबलू की आँखें लाल हो गईं और उसकी आवाज बदल गई। वह जोर- जोर से चिल्लाने लगा, “मेरे घर को वापिस दो!”
मोहन डरते हुए तुरंत पंडित जी को बुलाकर लाया। पंडित जी ने हवन और मंत्रों का जाप किया। हवन पूजा के बाद मंत्रों की गूंज से बबलू सामन्य हुआ और सच सामने आया। पता चला कि वह आत्मा एक किसान की आत्मा थी। उसका घर किसी जमींदार ने बेईमानी से हड़प लिया था। अब भी उसकी आत्मा न्याय की तलाश में भटक रही थी।
तब मोहन और गाँव वालों ने मुखिया से बात करके उस किसान की जमीन उसके परिवार वालों को वापस दिलवाई। किसान को न्याय मिलते ही प्रेतबाधा खत्म हो गई। किसान की आत्मा को मुक्ति मिल गयी। इसके बाद गाँव में फिर कभी ऐसी घटनाएँ नहीं हुईं।
यह कहानी हमें सिखाती हैं कि अन्याय का अंत और न्याय की जीत होती हैं। इस तरह की Ghost Stories for Kids बच्चों को रोमांचित करती हैं और उन्हें सही और गलत का अंतर भी समझाती हैं।
कहानी 8: सफेद साड़ी वाली औरत:
एक गांव के पास एक पुराना कुआं था। जिसके पास लोग रात में जाने से डरते थे। गांव के लोगों का मानना हैं कि वहां रात में एक औरत दिखाई देती थी। Ghost Stories for Kids में ऐसी कहानियां अक्सर सुनी जाती हैं। राहुल और उसके दोस्त इस बात को सिर्फ अफवाह मानते थे। एक रात, हिम्मत करके उन्होंने कुएं के पास जाने की सोची।
उनके वहां पहुंचते ही ठंडी हवा चलने लगी। अचानक, पेड़ों के पीछे से एक औरत की परछाई दिखी! जिसके बाल बहुत लंबे और आंखें लाल। राहुल डरते हुए पूछा, “तुम कौन हो?”
औरत की धीमी आवाज आयी, मैं इस कुएं में गिर कर मर गयी थी। मेरी आत्मा को मुक्ति नहीं मिली। यह सुनकर सभी डर गए और वहां से तेजी से भागे। Ghost Stories for Kids में ऐसी घटनाएं डर और रहस्य से भरी होती हैं। अगले दिन, उन्होंने गांव के बुजुर्गों से इस बारे में बात की। तब उन्हें पता चला कि सालों पहले सच में एक औरत इस कुएं में गिर गई थी।
सभी गांव वालों ने मिलकर उस औरत की आत्मा की शांति के लिए पूजा करवाई। उसके बाद से वह कभी किसी को दिखाई नहीं दी। इस घटना ने राहुल और उसके दोस्तों को सिखाया कि हर अफवाह के पीछे एक सच्चाई होती हैं। Ghost Stories for Kids का यही मकसद होता है कि बच्चे डर को समझें और समझदारी से हराएं।
कहानी 9: टॉय स्टोर का रहस्य:
रवि और उसके दोस्त एक छोटे से शहर में रहते थे। शहर के किनारे पर एक पुराना टॉय स्टोर था, जो सालों से बंद पड़ा था। बच्चों ने कई बार उस टॉय स्टोर के बारे में Ghost Stories for Kids सुनी थीं — कहते थे कि रात को वहां खिलौने खुद-ब-खुद हिलते हैं और हंसी की आवाजें आती हैं।
एक दिन, रवि और उसके दोस्त हिम्मत करके टॉय स्टोर को देखने चले गए। उसका दरवाजा टूटा हुआ था। अंदर घुसते ही ठंडी हवा का झोंका आया और सबके रोंगटे खड़े हो गए। हर कोने में पुराने खिलौने पड़े हुए थे। जिनमें से कुछ खिलौने हिलते दिख रहे थे।
अचानक, एक गुड़िया की डरावनी हंसी गूंज उठी। सभी बच्चे डर गए थे, लेकिन रवि ने हिम्मत नहीं हारी। तभी अचानक एक बूढ़े आदमी का भूत प्रकट हुआ। वह कभी इस टॉय स्टोर का मालिक था। उसने बताया कि उसकी आत्मा इन खिलौनों में कैद है क्योंकि उसने कभी एक बच्चे के साथ अन्याय किया था।
रवि ने उसकी मदद करने का वादा किया। भूत ने कहा कि अगर कोई सच्चे दिल से उसे माफ कर दे, तो उसकी आत्मा को मुक्ति मिल सकती है। रवि और उसके दोस्तों ने प्रार्थना की और उस भूत को माफ कर दिया। धीरे-धीरे टॉय स्टोर की डरावनी हवा शांत होने लगी और भूत मुस्कुराता हुआ गायब हो गया।
बच्चे जैसे ही बाहर निकले, उन्होंने देखा कि टॉय स्टोर फिर से नया और चमकदार लग रहा था। वो समझ गए कि उन्होंने एक भटकी हुई आत्मा को शांति दी है। इस तरह, उनकी Ghost Stories for Kids की रात एक अद्भुत और साहसिक अनुभव बन गई।
सीख: कभी-कभी डर को मिटाने के लिए बस थोड़ा साहस और दयालुता चाहिए।
कहानी 10: कब्रिस्तान का रक्षक:
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव के किनारे एक पुराना कब्रिस्तान था। गाँव वाले वहाँ शाम होने के बाद नहीं जाते थे, क्योंकि वहाँ के बारे में कई Ghost Stories for Kids सुनी जाती थीं। कहा जाता था कि उस कब्रिस्तान का रक्षक एक आत्मा थी, जो बुरी शक्तियों से उसकी रक्षा करती थी।
रात के अंधेरे में जब पूरा गाँव सो जाता, तो कब्रिस्तान से हल्की-हल्की रोशनी और सरसराहट की आवाजें आतीं। एक दिन, गाँव के दो बच्चे, रोहन और समीर, हिम्मत करके उस रहस्य का पता लगाने निकले। जैसे ही वे कब्रिस्तान में गए, ठंडी हवा चलने लगी और पेड़ों की सरसराहट ने उनके रोंगटे खड़े कर दिए।
अचानक, उनके सामने एक धुंधली आकृति प्रकट हुई। डर के मारे दोनों बच्चे काँपने लगे, लेकिन वह आकृति शांत आवाज में बोली, “डरो मत, मैं इस जगह का रक्षक हूँ। मैं सिर्फ उन बुरी आत्माओं को रोकता हूँ जो गाँव को नुकसान पहुँचाना चाहती हैं।” उसकी बात सुनकर बच्चों का डर कुछ कम हुआ। रक्षक ने उन्हें समझाया कि सच्ची बहादुरी डर पर काबू पाने में है।
बच्चे उसकी बात मानकर वापस गाँव लौट आए और इस घटना के बाद कभी किसी ने कब्रिस्तान से किसी बुरी आत्मा की कहानी नहीं सुनी। इस तरह, उस रात की Ghost Stories for Kids बच्चों के लिए एक सीख बन गई कि डर को समझदारी और हिम्मत से हराया जा सकता है।
निष्कर्ष:
Ghost Stories for Kids न केवल मनोरंजन का माध्यम होती हैं, बल्कि उनमें छिपे साहस, समझदारी के पाठ भी सिखाती हैं। ये कहानियाँ बच्चों की कल्पनाशक्ति को बढ़ावा देती हैं और उन्हें यह सिखाती हैं कि डर पर कैसे काबू पाया जाए। Ghost Stories for Kids के माध्यम से बच्चे निडर बनते हैं।
उत्तर: रोमांच और कल्पनाशक्ति बढ़ाने के लिए।
उत्तर: हां, लेकिन हल्की-फुल्की और उम्र के अनुसार।
उत्तर: ‘विक्रम-बेताल’, ‘भूतिया महल’, ‘जंगल का भूत’।
उत्तर: साहस, ईमानदारी और बुद्धिमानी।
उत्तर: बहुत डरावनी न हों और अंत सकारात्मक हो।
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