परिचय:
भारत में हर बच्चे को एक सुरक्षित, प्यारभरा और स्थायी घर मिलना उसका अधिकार है। लेकिन दुर्भाग्यवश, हर बच्चा अपने जैविक माता-पिता के साथ नहीं रह पाता। ऐसे में “Child Adoption Center” एक ऐसी महत्वपूर्ण संस्था है, जो अनाथ या विशेष परिस्थितियों में अपने परिवार से अलग हुए बच्चों को नया परिवार दिलाने का कार्य करती है।
भारत सरकार ने गोद लेने की पूरी प्रक्रिया को के कानूनी रूप से पारदर्शी और बच्चों के हित में बनाने के लिए “Child Adoption Center” की व्यवस्था की है।
जिससे कोई भी व्यक्ति या दंपत्ति, जो किसी बच्चे को गोद लेना चाहता है, उसे उचित मार्गदर्शन और सहायता मिल सके।
Child Adoption Center क्या है?
“Child Adoption center” एक संस्था है जो बच्चों को गोद दिलाने का कार्य करती है।
इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य ऐसे बच्चों को सुरक्षित परिवार दिलाना है जो किसी कारणवश अपने माता-पिता के साथ नहीं रह सकते।
भारत में ये केंद्र सरकार की एजेंसी CARA (Central Adoption Resource Authority) के अंतर्गत काम करते हैं।
Child Adoption Center बच्चों की पहचान, देखभाल, कानूनी प्रक्रिया, और गोद लेने वालों की जांच (Home Study Report) जैसी पूरी प्रक्रिया को देखते है।
भारत में Child Adoption Center की आवश्यकता क्यों है?
भारत में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो अनाथालयों या आश्रय गृहों में रहते हैं।
भारत में लाखों ऐसे बच्चे हैं जो अपने परिवार से अलग हो चुके हैं — कुछ अनाथ हैं, कुछ त्यागे गए, और कुछ आर्थिक तंगी के कारण परिवार से दूर हुए।
बहुत से बच्चे सड़कों पर, झुग्गियों में या असुरक्षित माहौल में पलते हैं।
ऐसे में Child Adoption Center in India इन बच्चों को बेहतर भविष्य देने का माध्यम बनता है।
ये बच्चों को भावनात्मक और सामाजिक सुरक्षा देते हैं।
परिवारविहीन बच्चों को स्थायी घर प्रदान करते हैं।
दंपत्तियों को माता-पिता बनने का अवसर देते हैं।
यह बच्चों को भावनात्मक और सामाजिक सुरक्षा देता है।
यह उन दंपत्तियों को माता-पिता बनने का अवसर देता है जो प्राकृतिक रूप से माता – पिता नहीं बन पाते।
भारत के बेस्ट Child Adoption Centres की सूची:
1. Central Adoption Resource Authority (CARA) – New Delhi:
भारत में गोद लेने की सबसे बड़ी सरकारी एजेंसी हैं।
देशभर के सभी Adoption Centres CARA से संचालित हैं।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और ट्रैकिंग सिस्टम उपलब्ध हैं।
वेबसाइट: www.cara.nic.in (यूज़र को जागरूकता के लिए)
2. SOS Children’s Villages of India: भारत की सर्वश्रेष्ठ चाइल्ड केयर संस्था
अनाथ और बेसहारा बच्चों के लिए विश्वसनीय संगठन हैं।
भारत के कई राज्यों में Adoption और Child Care Services है।
3. Missionaries of Charity:
मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संस्था हैं।
Adoption प्रक्रिया CARA के अनुसार होती हैं।
दयालु और सुरक्षित वातावरण के लिए मशहूर केंद्र हैं।
4. चाइल्ड वेलफेयर में अग्रणी संस्था – ICCW (Chennai)
दक्षिण भारत में प्रसिद्ध Adoption Agency हैं।
60+ वर्षों से बालकल्याण में सक्रिय हैं।
संपूर्ण कानूनी और मेडिकल जाँच के बाद ही Adoption प्रक्रिया होती हैं।
5. Shishu Greh (Government Adoption Homes):
सभी राज्यों में संचालित सरकारी Adoption Centres हैं।
CARA-रजिस्टर्ड संस्था हैं।
Low-cost और transparent process हैं।
6. Udayan Care – Delhi NCR:
Adoption Guidance और Counselling
पैरेंट्स को Proper Training और Orientation
क्यों ये Adoption Centres बेस्ट माने जाते हैं?
CARA-रजिस्टर्ड और कानूनी प्रक्रिया
बच्चों की मेडिकल, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक रिपोर्ट
पारदर्शी (Transparent) System
माता-पिता को Counselling और Home Study Report
Adoption के बाद Follow-up और Support
भारत में गोद लेने की प्रक्रिया (Child Adoption process):
“Child Adoption Center” इस प्रक्रिया को कई चरणो में करते हैं।:
चरण 1: पंजीकरण (Registration)
सबसे पहले गोद लेने के इच्छुक व्यक्ति या दंपत्ति को Child Adoption Center में जाकर या CARA की वेबसाइट (cara.nic.in) पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है।
इसमें आवेदक की व्यक्तिगत जानकारी, पारिवारिक स्थिति और आर्थिक स्थिति से जुड़े दस्तावेज मांगे जाते हैं।
चरण 2: Home Study Report:
इसके बाद Child Adoption Center के सामाजिक कार्यकर्ता आवेदक के घर जाकर एक “होम स्टडी रिपोर्ट” बनाते हैं।
आवेदक बच्चे की देखभाल के लिए मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम है या नहीं।
चरण 3: बच्चे का मिलान (Child Referral)
रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद Child Adoption Center आवेदक को गोद लेने के लिए उपलब्ध बच्चों की जानकारी देता है।
आवेदक को बच्चे से मिलने और कुछ समय उसके साथ बिताने का अवसर भी दिया जाता है।
चरण 4: कानूनी प्रक्रिया (Legal Process):
बच्चे को गोद लेने से पहले न्यायालय में आवेदन किया जाता हैं।
अदालत बच्चे की भलाई को देखते हुए गोद लेने की अनुमति देती हैं।
यह प्रक्रिया Child Adoption Center की सहायता पूरी होती हैं।
चरण 5: पोस्ट-अडॉप्शन फॉलोअप (Post Adoption Follow-Up):
गोद लेने के बाद भी Child Adoption Center बच्चे का फॉलोअप लेते हैं। वे देखते हैं कि बच्चा सुरक्षित और खुश है या नहीं।
Child Adoption Center में गोद लेने के लिए पात्रता:
भारत में कोई भी व्यक्ति, चाहे वह विवाहित हो या अविवाहित, यदि वह मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम है, तो वह “Child Adoption Center” के माध्यम से बच्चे को गोद ले सकता है।
कुछ मुख्य पात्रता शर्तें इस प्रकार हैं:
विवाहित दंपत्ति के लिए दोनों की आयु का अंतर बच्चे से कम से कम 25 वर्ष होना चाहिए।
पति-पत्नी दोनों की सहमति आवश्यक है।
आर्थिक स्थिति स्थिर होनी चाहिए।
आवेदक की कोई भी गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होनी चाहिए।
Child Adoption Center in India में जरूरी कागजात :
“Child Adoption Center” कुछ जरूरी दस्तावेज मांगता है, जैसे:
आय प्रमाण पत्र और बैंक स्टेटमेंट
मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट
निवास प्रमाण पत्र
पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट
ये सभी दस्तावेज गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया के लिए आवश्यक हैं।
भारत में Child Adoption Center की देखरेख कौन करता है?
भारत में गोद लेने से जुड़ी सभी संस्थाएं CARA (Central Adoption Resource Authority) के अधीन काम करती हैं।
यह संस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) के अंतर्गत आती है।
CARA का काम सभी Child Adoption Center in India को लाइसेंस देना, उनकी निगरानी करना, और गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया देखना।
Child Adoption Center में गोद लेने की फीस और समयावधि:
Adoption Center की कुछ फीस होती है जो बच्चे की देखभाल और कानूनी प्रक्रिया में लगती है। सामान्यत: पूरी प्रक्रिया को पूरा होने में 6 महीने से 1 वर्ष तक समय लगता हैं।।
यह समय आवेदन की स्थिति, कानूनी प्रक्रिया, और बच्चे की उपलब्धता पर निर्भर करता है।

Child Adoption Center के माध्यम से गोद लेने के फायदे:
प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी और सुरक्षित होती है।
आवेदक को बच्चे के स्वास्थ्य, परिवारिक इतिहास और अन्य जानकारी दी जाती है।
बच्चे को एक स्थायी और प्यारभरा घर मिलता है।
सरकार और केंद्र दोनों बच्चे की सुरक्षा की निगरानी करते हैं।
अवैध गोद लेने से बचें:
आजकल सोशल मीडिया या एजेंटों के माध्यम से अवैध गोद लेने के मामले भी सामने आते हैं।
Child Adoption केंद्र ही एकमात्र सुरक्षित और वैध तरीका है।
किसी भी स्थिति में बिना अनुमति या लाइसेंस प्राप्त संस्था से बच्चा गोद लेना गैरकानूनी है और इसके लिए सजा भी हो सकती है।
Child Adoption केंद्र में गोद लेने के बाद क्या होता है?
गोद लेने के बाद Child Adoption केंद्र कुछ महीनों तक यह देखता है कि बच्चा परिवार में खुश है या नहीं।
इसके अलावा, केंद्र बच्चे के स्कूल एडमिशन, हेल्थ चेकअप और मनोवैज्ञानिक सपोर्ट में भी मदद करते हैं।
समाज में Child Adoption Center की भूमिका:
Child Adoption Center in India केवल गोद लेने की प्रक्रिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में मानवीयता और समानता का संदेश देता है।
ये केंद्र समाज को यह सिखाते हैं कि हर बच्चा किसी न किसी परिवार का हिस्सा बनने के योग्य है।
इन केंद्रों ने हजारों बच्चों को नया जीवन और एक प्यारा परिवार दिया हैं।
Child Adoption Center in India और सिंगल पैरेंट्स:
भारत में अब सिंगल पैरेंट्स को भी बच्चा गोद लेने की अनुमति है।
Child Adoption Center ऐसे लोगों की जांच और सहायता करता है ताकि बच्चे को भी स्थिर वातावरण मिल सके।
यह समाज में समानता और स्वीकार्यता को भी बढ़ावा देता है।
Child Adoption Center में स्वयंसेवा (Volunteering)
कई लोग सीधे गोद नहीं ले पाते, लेकिन वे Child Adoption Center में स्वयंसेवा कर सकते हैं।
स्वयंसेवक बच्चों को पढ़ाते हैं, खेल गतिविधियों में शामिल करते हैं और उन्हें भावनात्मक सहारा देते हैं।
इससे न केवल बच्चों को सहायता मिलती है बल्कि समाज में अपनापन भी बढ़ता है।
बच्चा गोद लेने के बाद की भावनात्मक यात्रा:
Child Adoption Center से बच्चा गोद लेने के माता-पिता के लिए यह खुशी का पल होता है, लेकिन शुरुआत में कुछ चुनौतियाँ भी आती हैं — बच्चे को नए माहौल में एडजस्ट कर पाना थोड़ा कठिन होता हैं।
Child Adoption Center ऐसे परिवारों को काउंसलिंग और भावनात्मक सहयोग प्रदान करता है।
जिससे माता-पिता और बच्चा एक-दूसरे के साथ सहज महसूस करें।
Child Adoption Center के माध्यम से गोद लिए बच्चों के अधिकार:
हर बच्चे के कुछ बुनियादी अधिकार होते हैं जिन्हें Child Adoption Center निर्धारित करता है:
उसे सुरक्षित और स्थायी परिवार मिले।
शिक्षा, स्वास्थ्य और भोजन की सुविधा हो।
उसके नाम, पहचान और विरासत से जुड़ा अधिकार सुरक्षित रहे।
इन अधिकारों की निगरानी सरकार और CARA दोनों करते हैं।
Child Adoption Center in India से संबंधित गवर्नमेंट योजनाएँ:
भारत सरकार ने कई योजनाएँ चलाई हैं जो Child Adoption केंद्र के काम को मजबूत बनाती हैं, जैसे:
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (2015) – जिसके तहत गोद लेना कानूनी रूप से नियंत्रित होता है।
CARA Guidelines 2022 – जिससे ऑनलाइन पंजीकरण और ट्रैकिंग आसान हुई है।
Integrated Child Protection Scheme (ICPS) – जिसके तहत केंद्रों को फंडिंग और तकनीकी सहायता मिलती है।
Child Adoption केंद्र और समाज की संवेदना:
आज भी भारत के कुछ हिस्सों में गोद लेने को लेकर झिझक देखी जाती है। लेकिन Child Adoption Center ने यह सोच बदली है।
लोग अब समझने लगे हैं कि बच्चे को प्यार देने के लिए प्राकृतिक संबंध जरूरी नहीं — बस दिल होना चाहिए।
Child Adoption Center से जुड़े भ्रम:
लोगों में कई बार यह भ्रम होता है कि गोद लेना बहुत कठिन या महंगा है, लेकिन यह सही नहीं है।
यदि आप “Child Adoption Center” के माध्यम से प्रक्रिया करते हैं, तो सब कुछ पारदर्शी, सरल और सरकारी नियमों के अनुसार होता है।
निष्कर्ष: Child Adoption Center से बदलती ज़िंदगियाँ-
“Child Adoption Center” न सिर्फ बच्चों की ज़िंदगी बदलता है, बल्कि उन परिवारों की भी जो बच्चे को गोद लेते हैं।
उनके जीवन में बच्चे के आने से नई खुशियाँ भर जाती हैं।
भारत जैसे देश में, जहाँ अब भी लाखों बच्चे बिना परिवार के हैं, ऐसे केंद्र उम्मीद की किरण हैं।
अगर आप किसी बच्चे को प्यार और घर देना चाहते हैं, तो अपने नज़दीकी Child Adoption Center से संपर्क करें। क्योंकि किसी बच्चे के जीवन में मुस्कान लाने से बड़ा कोई धर्म नहीं।
उत्तर: पहली स्टेप है CARA की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना। इसके बाद आपका home-study report (HSR) तैयार की जाती है।
उत्तर: हाँ। भारत में single parent भी बच्चा गोद ले सकते हैं। लेकिन कुछ age & gender-based guidelines होती हैं, जैसे—single male only a boy child adopt कर सकता है।
उत्तर: भारत में adoption fees लगभग ₹40,000 – ₹60,000 तक होती है। यह राज्य और adoption centre के अनुसार बदल सकती है।
उत्तर: हाँ, लेकिन waiting list काफी लंबी होती है क्योंकि अधिकतर परिवार newborn prefer करते हैं।
उत्तर: हाँ। सरकारी adoption centres – Child Welfare Committee द्वारा संचालित
प्राइवेट NGOs – CARA से पंजीकृत संस्थाएँ दोनों ही कानूनी रूप से regulated होते हैं।
उत्तर: नहीं, यह कानून के खिलाफ है। CARA portal पर आपको legally eligible बच्चे allocate किए जाते हैं।
उत्तर: हाँ। NRI, OCI और foreign parents भी CARA guidelines के अनुसार adoption कर सकते हैं।
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