परिचय:
आज के समय मे,बच्चों के लिए हिंदी कहानियाँ मनोरंजन कराने के साथ उन्हे जीवन की महत्वपूर्ण सीख भी देती है। Hindi story for kids के माध्यम से बच्चे नैतिकता, दोस्ती, मेहनत और ईमानदारी जैसे गुणों को सीखते हैं। प्रत्येक कहानियों से हमे एक नैतिक संदेश मिलता है। ऐसी कहानियाँ पढ़ने से बच्चों की सोच का विकास होता है। यहाँ कुछ Hindi story for kids दी गयी है, जो बच्चों को अच्छा जीवन जीने की ओर प्रेरित करेगी।
नन्ही चिड़ियाँ और उसकी हिम्मत
एक विशाल पेड़ पर एक चिड़ियाँ और उसके बच्चे रहते थे। एक दिन एक शिकारी वहाँ आया और पेड़ को काटने लगा। चिड़ियाँ बहुत डर गयी, लेकिन उसने हिम्मत नही हारी। चिड़ियाँ ने दूसरे पक्षियों को बुलाया तथा उनसे मदद मांगी।
सारे पक्षियों ने शिकारी को घेर लिया और जोर से चिल्लाये। शिकारी इतने पक्षियों को देखकर डर गया और वहाँ से जान बचाकर भागा। चिड़ियाँ ने हिम्मत दिखायी , अपनी और अपने बच्चों की जान बचाई।
सीख: (Hindi story for kids) हिम्मत और एकता से कठिन से कठिन समस्या का हल आसानी से निकल सकता है।
संगति का असर
एक गाँव में रामू और श्यामू नाम के दो दोस्त रहते थे। रामू नेकदिल और समझदार इंसान था। जबकि श्यामू का व्यवहार रामू के व्यवहार का उल्टा था। वह बुरी संगत में रहता था तथा उल्टे- सीधे काम करता था। रामू ने उसे बुरी संगत से दूर रहने के लिये कहा। लेकिन उसने रामू की बात को नजरअंदाज कर दिया।
एक दिन, श्यामू ने रामू को शहर जाने के बारे मे बताया। उसने कहा कि वह शहर मे अपना काम करेगा। रामू उसकी बात सुनकर खुश हुआ। रामू ने उसे समझाया कि वहाँ बुरी संगत से बच के रहना। लेकिन शयामू ने उसकी बात अनसुनी कर दी। शयामू फिर से शहर जाते ही बुरी संगत मे पड़ गया।
कुछ समय बाद श्यामू की आदतें बहुत खराब हो गयी। वह चोरी, झगडा अन्य अपराधिक घटनाएं करने लगा। उसका जीवन बर्बाद हो गया, और आखिर में उसे जेल में जाना पड़ा। रामू हमेशा नेक नीति से चलता रहा, उसने अच्छी शिक्षा प्राप्त की। समाज में एक सभ्य नागरिक के रूप में अपनी पहचान बनायी।
कहानी (Hindi story for kids) से हमें यह शिक्षा मिलती है कि संगति का असर हमारे जीवन मे बहुत महत्वपूर्ण है। हमें अच्छे लोगों की संगत मे रहना चाहिए। बुरी संगत से हमारा जीवन बर्बाद होना तय है। इसलिए, हमेशा अच्छी संगत मे रहे।

जादुई पत्थर की कहानी
बहुत पहले, एक गाँव में मोहन नाम का एक लडका रहता था। मोहन का जीवन गरीबी के कारण बहुत कठिन था। वह दिन-रात खेतों में काम करता, लेकिन फिर भी उसे भरपेट भोजन नहीं मिल पाता। एक दिन मोहन को खेत पर एक चमकता हुआ पत्थर दिखाई दिया। पत्थर से एक आवाज आई, “मैं जादुई पत्थर हूं। मै तुम्हारी सारी इच्छाये पूरी कर सकता है।
मोहन ने पत्थर को उठा लिया और घर आ गया। रास्ते मे लौटते समय उसे भूख लगी तो उसने पत्थर से कहा, हे जादुई पत्थर, मुझे कुछ खाने को दो बहुत भूख लगी है। पत्थर चमकने लगा और नये- नये भोजन उसके सामने आ गये। यह देखकर मोहन बहुत खुश हुआ। उसने सोचा, अब मेरी सारी समस्याएं समाप्त हो जायेगी।
लेकिन मोहन नेकदिल इंसान था। वह दूसरों की भी मदद करना चाहता था। ये खबर सभी गांव वालो को पता चल गयी। गाँव के सभी गरीब लोग मोहन के पास आए और मोहन ने सभी की मदद की। कुछ समय मे ही मोहन की वजह से गांव मे खुशहाली आ गयी।
मोहन ने पत्थर का सही इस्तेमाल किया जिसकी वजह से पूरे गांव मे खुशहाली हो गयी।
चालाक बकरी की कहानी
एक समय की बात है, एक जंगल में एक बकरी रहती थी। वह बहुत ही चतुर और चालाक थी। जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे। लेकिन बकरी का दिमाग सबसे तेज था। एक दिन बकरी जंगल से घास चरकर घर लौट रही थी, तभी एक शेर ने उसे देखा।
शेर ने सोचा, “आज बकरी को ही अपना शिकार बनाऊगा।” वह बकरी के पास गया, और बोला, मेरी गुफा मे बहुत हरी घास है। मै तुम्हे हरी घास खिलाता हु ।
बकरी जल्द शेर की बात समझ गयी। उसने शेर से कहा, “शेर भैया, जल्दी चलो मुझे बहुत भूख लगी है। शेर जैसे ही गुफा के अंदर घुसा बकरी ने गुफा का रास्ता बंद कर दिया। इस तरह बकरी ने अपनी बौद्धिमता से अपनी जान बचाई।
इस कहानी (Hindi story for kids) से यह सीख मिलती है कि बुद्धिमानी से किसी को भी हराया जा सकता है।
दोस्ती का पाठ
जंगल में एक खरगोश और कछुए की दोस्ती थी। खरगोश अपनी तेज दौड़ के लिए जाना जाता था। कछुआ की धीमी चाल के कारण उसका मजाक होता था। लेकिन दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गयी थी।
एक दिन खरगोश खेलते समय एक गड्ढे में गिर गया और उसके पैर मे चोट लग गयी। वह दर्द से चिल्ला रहा था और वह गड्ढे से बाहर नही निकल पा रहा था। उसकी मदद के लिये आस-पास कोई जानवर नहीं था। तभी कछुआ वहां पहुंचा।
कछुए ने खरगोश को हिम्मत दी। तथा अपनी धीमी चाल के बाद भी उसे गड्ढे से बाहर निकालने मे मदद की। खरगोश को अपनी कमजोरी का एहसास हुआ। खरगोस ने पहली बार कछुए के धैर्य और मददगार स्वभाव की सराहना की। कछुए ने खरगोश को अपनी पीठ पर बैठाया। तथा उसे नदी के पास पानी पिलाने के लिये ले गया।
इसके बाद खरगोश और कछुए की दोस्ती और मजबूत हो गई। खरगोश ने सीखा कि सच्ची दोस्ती ताकत पर निर्भर नहीं करती।
ईमानदार लड़का और राजा
एक गाँव में रामू नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत गरीब था लेकिन बहुत ईमानदार था। एक दिन रामू को रास्ते में एक बटुआ पड़ा हुआ मिला। उसमें सोने के सिक्के थे। रामू ने सोचा कि यह किसी जरूरतमंद का हो सकता है।
वह बटुआ लेकर राजा के पास गया। राजा से बोला, “महाराज, मुझे यह बटुआ रास्ते में पड़ा हुआ मिला है। कृपया इसे उसके असली मालिक तक पहुँचा दें।” राजा रामू की ईमानदारी से खुश हुआ। राजा ने घोषणा कराई कि जो व्यक्ति बटुए के मालिक होने का सबूत देगा, उसे यह वापस किया जाएगा।
कुछ समय बाद, एक व्यापारी दरबार में आया। व्यापारी ने बटुए के मालिक होने का सबूत दिया। राजा ने व्यापारी को उसका बटुआ लौटा दिया। राजा ने रामू को उसकी ईमानदारी के लिए इनाम भी दिया।
राजा ने रामू से कहा, “तुम्हारी ईमानदारी इस राज्य के लिए मिसाल है।” रामू बोला, “महाराज, ईमानदारी ही सबसे बड़ा धन है। मैंने अपना ईमानदारी धर्म निभाया।”
इस (Hindi story for kids) कहानी से हमे शिक्षा मिलती है कि ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है।
मेहनत का फल
गाँव में मोहन नाम का किसान रहता था। वह बहुत मेहनत करता था। रोज सुबह वह खेतों में काम करने पहुँच जाता था। उसका खेत फसलों से हरा- भरा खड़ा था।
उसी गाँव के दूसरे किसान आलसी थे। वे अपने खेतो पर मेहनत नही करते थे। उनकी फसले खराब हो जाती और वे अपनी किस्मत को दोष देते रहते। वे मेहनत करने के बजाय मोहन का मजाक उडाते। एक दिन मोहन ने उनसे कहा, “किस्मत उन्हीं का साथ देती है जो मेहनत करते हैं। आप भी अपने खेतों में मेहनत करिये, आपकी फसल भी अच्छी होगी।
आलसी किसानों ने मोहन की बात नही सुनी। कुछ समय बाद जब फसल कटाई हुई, मोहन की फसल देखकर सब चौक गए। उसकी मेहनत रंग लाई थी और आलसी किसानों को कुछ नही मिला।
मोहन ने उन्हें फिर समझाया, “मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। जो व्यक्ति मेहनत और समय से काम करता है, वही सफल होता है। आलसी किसानों को भी समझ आ गया। उन्होंने भी अपनी आदतें बदलीं और मेहनत से काम करना शुरू किया।
नैतिक शिक्षा: मेहनत करने से ही सफलता मिलती है।

जंगल की न्यायपालिका
एक जंगल में एक शेर रहता था। शेर सभी जानवरो का राजा था। लेकिन शेर बड़ा निर्दयी स्वभाव वाला था। वह अपने से कमजोर जानवरो पर अत्याचार करता था। सभी जानवर उससे डरते थे। लेकिन एक चतुर बंदर ने शेर को सबक सिखाने की सोची।
एक दिन बंदर ने सोचा कि सभी जानवरों को इकट्ठा किया जाये। बंदर ने सभी जानवरो को इकट्ठा किया और कहा, “हमें एकजुट होकर शेर का मुकाबला करना चाहिए। सभी जानवरो ने डरते हुए शेर का मुकाबला करने की बात कही। बंदर ने , शेर को उसकी गलती का एहसास दिलाने की योजना बनायी।
अगले दिन सभी जानवर शेर के पास पहुंचे। जानवरो ने कहा, “महाराज, हम आपके आदेश का पालन करते हैं। कृपया हमें अपनी बात रखने का मौका दें।” शेर ने उनकी बात मान ली। बंदर ने कहा, “आप सभी जानवरो के राजा हो । आप हमारी रक्षा के लिए हो। लेकिन आप ही अपनी प्रजा पर अत्याचार कर रहे हो। कृपया आप न्यायप्रिय राजा बने। सभी जानवर आपका सम्मान करेंगे।”
शेर को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने जानवरो से वादा किया कि वह न्यायप्रिय राजा बनेगा।
नैतिक शिक्षा: एकजुट होकर और बुद्धिमानी से काम लेने से समस्या हल हो ही जाती है।
चिड़िया की समझदारी
एक चिड़िया ने पेड़ पर अपना घोंसला बनाया। एक दिन उसने देखा कि पास के घोंसलों पर शिकारी हमला कर रहे हैं। चिड़िया ने अपने बच्चों को बचाने की सोची। उसने अपनी समझदारी से काम लिया। उसने कांटे, लकड़ियाँ और सूखी पत्तियाँ चुनके अपना घोंसला तैयार किया। घोंसला इतना मजबूत था कि शिकारी वहा तक पहुँच न सका।
एक दिन वहा एक बिल्ली आई और घोंसले पर हमला करने की कोशिश की। लेकिन कांटों की वजह से वह घोंसले के पास नहीं जा सकी। चिड़िया ने समझदारी और सावधानी से अपने बच्चों को बचा लिया।
शिक्षा: सावधानी और समझदारी से मुश्किल समय को भी टाला जा सकता है।
निष्कर्ष:
इन (Hindi story for kids) के माध्यम बच्चों को मनोरंजन के साथ जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी मिलते है। Hindi story for kids बच्चों को सिखाती हैं कि जीवन में अच्छे गुणों का क्या महत्व है। इन कहानियों से बच्चों को नैतिक शिक्षा मिलने के साथ- साथ उनका मानसिक विकास भी होता है।
हमारी कहानियां शैक्षिक, नैतिक और मनोरंजक होती हैं। इनमें दोस्ती, ईमानदारी, मेहनत और साहस जैसे गुण सिखाए जाते हैं।
हमारी कहानियां 3 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए बनाई जाती हैं।
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