परिचय:
कहानियाँ बच्चों की रंगीन दुनिया होती हैं। Story Telling for Kids न केवल मनोरंजक होती हैं, बल्कि ये बच्चों को नैतिकता और जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं।
इस लेख के माध्यम से Story Telling for Kids के फायदें बताए गए हैं और यहाँ कुछ मज़ेदार Story Telling for Kids भी दी गयी हैं।
लालची कुत्ते की कहानी:
एक बार एक भूखा कुत्ता खाने की तलाश मे घूम रहा था। बहुत देर बाद उसे एक कसाई की दुकान के पास एक हड्डी दिखाई दी। कुत्ता खुशी से झूम उठा और उसने हड्डी को मुँह में दबाकर किसी शांत जगह पर जाने की सोची।
रास्ते में उसे एक नदी मिली। नदी पर एक पुल बना हुआ था। कुत्ता पुल पार करने लगा। जैसे ही वह पुल के बीच में पहुँचा, उसने नीचे पानी में देखा। पानी बिलकुल साफ था, और उसे उसमें अपना ही परछाई दिखाई दिया। कुत्ते को लगा कि पानी में कोई और कुत्ता है, जिसके मुँह में भी हड्डी है।
उसे लालच में आ गया। कुत्ते ने सोचा, क्यों न मैं उस कुत्ते से हड्डी छिन लू? फिर उसने ज़ोर से भौंकना शुरू कर दिया।
जैसे ही उसने मुँह खोला, उसकी अपनी हड्डी नदी में गिर गई। अब उसके पास कुछ नहीं बचा। वह पछताया, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी।
शिक्षा:
लालच बुरी बला है। हमें कभी भी दूसरों का देखकर लालची नहीं बनना चाहिए। जो हमारे पास है, उसी में संतोष करना चाहिए।
चींटी और टिड्डा की कहानी:
एक घने जंगल में एक मेहनती चींटी रहती थी। वह रोज़ सुबह जल्दी उठती, अनाज के दाने इकट्ठा करती और अपने बिल में रख देती। वहीं पास ही एक टिड्डा रहता था जो सारा दिन मस्ती करता, गाना गाता और धूप सेंकता।
चींटी ने कई बार टिड्डे को समझाया, “सर्दियाँ आने वाली हैं, कुछ अनाज जमा कर लो।” लेकिन टिड्डा हँसते हुए कहता, “अभी तो बहुत समय है, मैं बाद में कर लूंगा।”
समय बीतता गया और ठंडी सर्दियाँ आ गईं। चारों ओर बर्फ जम गई और खाना मिलना मुश्किल हो गया। चींटी अपने घर में आराम से बैठकर अपने जमा किए हुए अनाज से भूख मिटा रही थी।
उधर, टिड्डा ठंड से काँप रहा था और भूखा भी था। अंत में वह चींटी के पास गया और बोला, “मुझे थोड़ा खाना दे दो, मैं भूख से मर जाऊँगा।” चींटी ने उसे सहानुभूति दी और कहा, “मैं तुम्हें खाना दे सकती हूँ, लेकिन अगली बार से समय रहते मेहनत करना सीखो।”
टिड्डा ने शर्मिंदा होकर वादा किया कि वह अगली बार से मेहनत करेगा।
सीख:
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि समय पर मेहनत करने वाला व्यक्ति ही मुश्किल समय में सफल होता है। आलस्य करने से केवल पछतावा ही मिलता है।
ईमानदार लकड़हारा: Story Telling for Kids
एक समय की बात है, एक ईमानदार लकड़हारा जंगल में लकड़ी काटकर अपने परिवार का पेट पालता था। एक दिन लकड़ी काटते समय उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई। वह बहुत दुःखी हुआ और रोने लगा।
अचानक वहाँ नदी के देवता प्रकट हुए और बोले, “क्या ये सोने की कुल्हाड़ी तुम्हारी हैं?” लकड़हारे ने मना कर दिया।
फिर नदी के देवता ने चांदी की कुल्हाड़ी निकाली और बोले, “क्या ये चांदी की कुल्हाडी तुम्हारी हैं?” लकड़हारे ने फिर मना कर दिया।
आखिर में नदी के देवता ने लोहे की कुल्हाड़ी निकाली और बोले, क्या ये लोहे की कुल्हाड़ी तुम्हारी हैं? लकड़हारा खुशी से बोला, “हाँ यह मेरी कुल्हाड़ी है।”
नदी के देवता उसकी ईमानदारी देखकर बहुत खुश हुए और तीनों कुल्हाड़ियाँ उसे दे दीं।
Story telling for kids में इस कहानी का उपयोग बच्चों को सच बोलने की प्रेरणा देने के लिए किया जाता है।

चालाक खरगोश और मूर्ख शेर:
एक बार जंगल में एक भयंकर शेर रहता था। वह रोज़ एक जानवर को मारकर खा जाता था। सभी जानवरों ने मिलकर तय किया कि हर दिन एक जानवर खुद शेर के पास जाएगा।
एक दिन एक चालाक खरगोश की बारी आई। वह जानबूझकर शेर के पास देर से पहुँचा और शेर को बताया कि एक और शेर रास्ते में मिला, वह कह रहा था कि वही जंगल का असली राजा है।
इस बात को सुनकर शेर गुस्से से लाल हो गया। शेर ने बोला मुझे उस शेर के पास ले चलो। फिर खरगोश उसे एक कुएं के पास ले गया और बोला वह इसी कुए के अंदर है। शेर ने कुएं में झाँककर देखा और उसे अपनी परछाई दिखाई दी, शेर ने समझा कि वही दूसरा शेर है। गुस्से में वह कुएं में कूद गया और मर गया।
खरगोश ने यह बात जंगल के जानवरो को बताई और यह बात सुनकर सभी जानवर खुशी से झूमने लगे।
सीख: समझदारी से किसी भी बड़ी समस्या को हल निकाला जा सकता है।
“छोटा बीज, बड़ा सपना” कहानी
एक छोटे से गाँव में एक किसान अपने बेटे सानू के साथ रहता था। सोनू एक होशियार और जिज्ञासु बच्चा था। उसे पौधे उगाना बहुत पसंद था। एक दिन उसके पिता ने उसे एक छोटा सा बीज दिया और कहा, “मनु, इसे अच्छे से उगाओ और देखो ये क्या बनता है।”
मनु ने उस बीज को मिट्टी में बो दिया, रोज़ पानी दिया और बड़े प्यार से उसकी देखभाल की। हफ्तों बीत गए लेकिन बीज से कोई अंकुर बाहर नहीं निकला। गाँव के लोग हँसते और कहते, “मनु, यह बीज कभी नहीं उगेगा।” लेकिन मनु ने हार नहीं मानी।
सोनू के पिता ने उसे समझाया कि यही होता है असली धैर्य। यही है Story Telling for Kids का असली मोल।”
वह रोज़ाना सूरज उगने से पहले उठता, बीज की देखभाल करता और भगवान से प्रार्थना करता। तीन महीने बीत गए, और एक दिन अचानक मिट्टी से एक छोटा सा हरा अंकुर बाहर निकला। सोनू खुशी से झूम उठा।
धीरे-धीरे वह पौधा एक मजबूत और ऊँचा पेड़ बन गया। कुछ सालों में उसमें फल आने लगे और गाँव के लोग उसके फलों की तारीफ करने लगे। उसी बीज से एक फलदार बग़ीचा बन गया।
सोनू के पिता ने पूछा “इस कहानी से हमें क्या सिखने को मिला?”
वह बोला, “धैर्य, मेहनत और विश्वास!” Story Telling for Kids में यह कहानी बच्चों को धर्य और संयम का मूल्य समझाती है।
क्यों ज़रूरी है Story Telling for Kids?
Story Telling for Kids बच्चों के मानसिक, सामाजिक और नैतिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। इससे न केवल उनकी कल्पनाशक्ति विकसित होती है, बल्कि वे अच्छे-बुरे का फर्क भी समझ पाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं।
हर कहानी बच्चों को एक महत्वपूर्ण सीख देती है जो उनके चरित्र निर्माण में सहायक होती है।
Story Telling for Kids बच्चों की कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता को बढ़ाती हैं। जिससे उनकी कल्पनाओं को उड़ान मिलती है। वे कहानी के पात्रों और घटनाओं को अपने ढंग से सोचते हैं।
कहानियाँ सुनने और सुनाने से बच्चों की भाषा में सुधार होता है और वे शब्दों को अच्छे से समझ पाते हैं।
कहानी के पात्रों से बच्चे भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं, जिससे उनमें सहानुभूति और करुणा जैसे भाव पैदा होते हैं।
Story Telling for Kids पैरेंट्स और बच्चों के बीच का रिश्ता मजबूत करता है।
कहानी कैसे सुनाएँ?
Story Telling for Kids के 5 टिप्स
बच्चों को कहानी में गंभीरता तब आती है जब स्टोरीटेलर अपने हावभाव और आवाज़ बदलता रहता है।
जानवरों या इंसानों के बोलने का तरीका कॉपी करें।
कहानी के बीच-बीच में बच्चों से सवाल पूछकर उन्हें सोचने के लिए प्रेरित करें।
हर कहानी के अंत में बच्चों को कहानी से मिली शिक्षा को समझाएँ।
बच्चों से कहानी बार बार पढ़वाएँ। इससे उनकी याददाश्त और बोलने की क्षमता में सुधार होगा।
बच्चों के लिए इंटरैक्टिव स्टोरी टेलिंग:
आज के डिजिटल युग में Story Telling for Kids सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रह गई है। अब कहानियाँ मोबाइल, टीवी और यूट्यूब जैसे माध्यमों से भी बच्चों तक पहुँच रही हैं। लेकिन सबसे असरदार होती हैं इंटरैक्टिव कहानियाँ, जहाँ बच्चे कहानी का हिस्सा बनते हैं।
स्टोरी टेलिंग को इंटरएक्टिव बनाने के उपाय:
बच्चों से कहानियों के पात्रों के नाम पूछें: जैसे “इस भालू का नाम क्या रखा जाए?”
फैसले बच्चों पर छोड़ें: “अब खरगोश को क्या करना चाहिए? भाग जाना चाहिए या रुकना चाहिए?”
रोल प्ले करें: बच्चों को किसी पात्र की भूमिका निभाने को कहें।
इस तरह की Story Telling for Kids बच्चों को ज़्यादा आकर्षित करती है और उनकी सोचने-समझने की शक्ति को तेज़ करती है।
भारतीय संस्कृति से जुड़ी कहानियाँ:
ऐसी कहानियाँ जो पीढ़ियों से Story Telling for Kids का हिस्सा रही हैं। इनमें भगवान श्रीराम, कृष्ण, गणेश, और पंचतंत्र की कहानियाँ प्रमुख हैं।
ये कहानियाँ न केवल मज़ेदार होती हैं, बल्कि नैतिकता से भरपूर भी होती हैं। ऐसी कहानियाँ जब Story Telling for Kids में सुनाई जाती हैं, तो बच्चे भारत की संस्कृति से भी जुड़ते हैं।
Story Telling for Kids in Education
आजकल स्कूलों में भी Story Telling for Kids को शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। बच्चे किताबें पढ़ने से ज़्यादा कहानी सुनना पसंद करते हैं। जब शिक्षक कहानी के माध्यम से गणित, विज्ञान या सामाजिक विज्ञान सिखाते हैं, तो बच्चे ज्यादा बेहतर तरीके से सीखते हैं।
उदाहरण:
गणित: एक कहानी जिसमें खरगोश के पास 5 गाजर थे, 2 उसने खा लिए। अब कितने बचे?
विज्ञान: सूरज और चाँद की कहानी के ज़रिए दिन-रात का कारण समझाना।
इतिहास: स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों के ज़रिए आज़ादी का महत्व समझाना।
इस तरह की story telling for kids शिक्षा को मज़ेदार और यादगार बना देती है।
अलग-अलग भाषाओं मे Story Telling for Kids :
भारत में अलग-अलग तरह की भाषाएँ बोली जाती हैं और हर क्षेत्र की अपनी खास कहानियाँ होती हैं। इसलिए Story Telling for Kids को क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रस्तुत करना बहुत फायदेमंद हो सकता है।
बच्चों के साथ कहानी लेखन:
Story telling for kids को और मज़ेदार बनाने के लिए आप बच्चों के साथ मिलकर कहानी लिख सकते हैं। इससे उनकी कल्पनाशक्ति, लेखन क्षमता और आत्मविश्वास बढ़ता हैं। बच्चे जब अपनी लिखी हुई कहानी को खुद सुनते हैं, तो उन्हें गर्व महसूस होता है।
निष्कर्ष:
Story Telling for Kids बच्चों के लिए एक मज़ेदार माध्यम है, जो बच्चों को जीवन के गहरे सबक सिखाता है। ऊपर दी गई कहानियाँ केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास का माध्यम हैं।
आप इन कहानियों को अपने बच्चों को सोते समय सुनाकर उनका भविष्य उज्जवल बना सकते हैं। Story Telling for Kids का सही उपयोग कर आप बच्चों के जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं। Story Telling for Kids से बच्चों की सोचने की क्षमता, और कल्पना क्षमता बढ़ती हैं।
उत्तर:
Story Telling for Kids का मतलब बच्चों को कहानियाँ सुनाना या पढ़कर सुनाना होता है। इसमें नैतिक शिक्षाएँ, कल्पनात्मक तत्व और मनोरंजन शामिल होता है। यह बच्चों के मानसिक विकास, शब्दावली और सोचने की क्षमता को बढ़ाता है।
उत्तर:
Story Telling for Kids बच्चों को संस्कार, सोचने की क्षमता और भाषा कौशल सिखाने का एक असरदार तरीका है। इससे उनकी कल्पनाशक्ति बढ़ती है और वे जीवन में अच्छे-बुरे की पहचान करना सीखते हैं।
उत्तर:
बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा वाली कहानियाँ, पंचतंत्र की कहानियाँ, अकबर-बीरबल की कहानियाँ, परियों की कहानियाँ और छोटे जानवरों की कहानियाँ बहुत अच्छी होती हैं। इन कहानियों में मनोरंजन के साथ शिक्षा भी होती है।
उत्तर:बच्चों की भाषा और बोलने की क्षमता बढ़ती है।नैतिक मूल्यों की समझ मिलती है।कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता बढ़ती है।माता-पिता और बच्चों के बीच संबंध मजबूत होता है।ध्यान केंद्रित करने की क्षमता विकसित होती है।
उत्तर:
रात को सोने से पहले का समय सबसे अच्छा होता है जब बच्चा शांत होता है और सुनने को तैयार होता है। इसके अलावा, छुट्टियों या स्कूल के बाद भी कहानियाँ सुनाना अच्छा विकल्प है।
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