Friday, February 21, 2025
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Vaccination Chart for Kids जन्म से लेकर 12 साल तक के टीके की पूरी लिस्ट:

परिचय:

टीकाकरण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। Vaccination Chart for Kids के माध्यम से बच्चों को कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता हैं। टीकाकरण बच्चों की इम्यूनिटी को बढ़ाता हैं। हर पैरेंट्स को बच्चों का टीकाकरण समय से कराना चाहिए। यहाँ भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा बच्चों के टीकाकरण की एक सूची दी की गई है।

इस लेख के माध्यम से यहाँ हम “Vaccination Chart for Kids” के बारे में बाते करेगे। यहाँ वैक्सीनेशन के महत्व, प्रकार और समय-सारणी के बारे में बताया गया हैं।

टीकाकरण क्यों ज़रूरी है?

वैक्सीननेशन एक वैज्ञानिक प्रक्रिया हैं। जिसमें किसी भी बीमारी से बचाव के लिए टीका दिया जाता हैं। Vaccination Chart for Kids से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती हैं। जब कोई संक्रमण शरीर में प्रवेश करे, तो वह उसका मुकाबला कर सके।

टीकाकरण से शरीर में जानलेवा बीमारियों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। यह न केवल बच्चे को सुरक्षित रखता हैं बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य की भी रक्षा करता हैं।

Vaccination Chart for Kids
Vaccination Chart for Kids

बच्चों के टीकाकरण का समय और विवरण:

बच्चों के टीकाकरण की प्रक्रिया जन्म से लेकर किशोरावस्था तक चलती है।

बच्चें को जन्म के समय बीसीजी (BCG) टीका दिया जाता हैं। यह बच्चों को ट्यूबरक्युलोसिस से बचाने के लिए दिया जाता हैं। तथा साथ में हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और पोलियो (OPV-0) वैक्सीन भी दी जाती हैं।

6 सप्ताह की उम्र में बच्चों को डीटीपी (DTP-1) टीका दिया जाता है। यह टीका बच्चों को डिप्थीरिया, टेटनस और काली खाँसी जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए दिया जाता है।

हिब (Hib-1), आईपीवी (IPV-1), रोटावायरस (Rotavirus-1) और पीसीवी (PCV-1) वैक्सीन भी साथ में दिए जाते हैं। ये टीके बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इन बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है।

10 और 14 सप्ताह की उम्र में बच्चों को डीटीपी, हिब, आईपीवी, रोटावायरस और पीसीवी की दूसरी और तीसरी डोज दी जाती है।

6 महीने की उम्र में बच्चों को हेपेटाइटिस बी की एक और डोज दी जाती है।

9 महीने की उम्र में बच्चों को एमएमआर (MMR-1) टीका दिया जाता हैं यह टीका खसरा (Measles), कंठमाला (Mumps), और रूबेला (Rubella) रोगों से बचाने के लिए दिया जाता हैं।

12 से15 महीने में बच्चों को एमएमआर (MMR-2) की दूसरी डोज, वेरिसेला (चिकनपॉक्स) और हेपेटाइटिस ए का टीका दिया जाता है।

18 महीने में बच्चों को डीटीपी, हिब, और आईपीवी के बूस्टर डोज दी जाती हैं।

2 साल की उम्र में बच्चों को टाइफाइड कंजुगेट वैक्सीन (TCV) दी जाती हैं। यह वैक्सीन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं, जिससे टाइफाइड होने की संभावना कम हो जाती हैं।

4-6 साल तक के बच्चों को डीटीपी, एमएमआर और वेरिसेला के बूस्टर डोज दिए जाते हैं।

10-12 साल के उम्र के बच्चों को टीडी (TD वैक्सीन) दी जाती हैं। यह वैक्सीन बच्चों को टेटनस और डिप्थीरिया से बचाव करती हैं।

15-18 साल तक के बच्चों को टीडी का एक और बूस्टर डोज दिया जाता है।

टीकाकरण के समय ध्यान दे:

बच्चों का समय पर टीकाकरण कराएँ। डॉक्टर द्वारा दिए गए समय के अनुसार टीकाकरण ज़रूर कराएँ।

बच्चे की सेहत का ध्यान रखे, अगर बच्चा बीमार है, तो डॉक्टर से परामर्श ले। बच्चों का सही समय पर टीकाकरण कराएँ।

बच्चें का टीकाकरण कार्ड बनवाएं। हर टीकाकरण के बाद डॉक्टर से वैक्सीनेशन कार्ड पर एंट्री जरूर कराये।

कुछ बच्चों को हल्का बुखार, सूजन, या दर्द हो सकता है, जो सामान्य है। ये लक्षण आमतौर पर 1 से 2 दिनों में ठीक हो जाते हैं। यदि कोई गंभीर समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।टीकाकरण के बाद बच्चों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हैं।

सरकारी योजनाओं का जरूर लाभ उठाएँ। भारत सरकार फ्री टीकाकरण कार्यक्रम चलाती है, जिनका लाभ उठाना चाहिए।

Vaccination Chart for Kids
Vaccination Chart for Kids

बच्चों के लिए टीकाकरण के फायदे:

टीकाकरण बच्चों को बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता हैं। पोलियो, टेटनस, खसरा, डिप्थीरिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव करता हैं।

बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हैं। जिससे बच्चों के शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है।

लंबे समय तक बच्चों को स्वास्थ्य लाभ मिलता हैं। कई टीके बच्चों को जीवनभर सुरक्षा प्रदान करते हैं।

महामारियों को रोकने में सहायक हैं। एक बड़े समूह में टीकाकरण होने से महामारी फैलने की संभावना कम होती हैं।

टीकाकरण से संबंधित सवाल- जवाब:

  1. क्या टीकाकरण अनिवार्य हैं?
    हाँ, यह बच्चों की सेहत के लिए बेहद आवश्यक हैं।
  2. क्या टीकों से कोई साइड इफेक्ट होता है?
    हल्के साइड इफेक्ट हो सकते हैं, लेकिन वे कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं।
  3. यदि कोई टीका छूट जाए तो क्या करें?
    डॉक्टर से संपर्क करें और जल्द से जल्द छूटा हुआ टीका लगवाएँ।

निष्कर्ष:

बच्चों के लिए Vaccination Chart for Kids का पालन करना बेहद जरूरी हैं। यह बच्चों को न केवल गंभीर बीमारियों से बचाता हैं बल्कि उनके स्वस्थ भविष्य की नींव भी रखता हैं। इसलिए पैरेंट्स को समय पर टीकाकरण कराना बेहद आवश्यक हैं।

Vaccination for Kids एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिससे बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। भारत सरकार द्वारा फ्री टीकाकरण योजनाओं का लाभ ले और अपने बच्चें के स्वस्थ भविष्य को सुरक्षित करें।

टीकाकरण से संबंधित कोई भी समस्या हो तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

Q: बच्चों के वैक्सीनेशन चार्ट में कौन सी टीकाएँ शामिल होती हैं?

उत्तर: बच्चों के वैक्सीनेशन चार्ट में BCG, पोलियो, DPT, हिपेटाइटिस B, Hib, MMR, और हेपेटाइटिस A जैसी टीकाएँ शामिल होती हैं, जो बच्चों को खतरनाक बीमारियों से बचाती हैं।

Q: बच्चों के वैक्सीनेशन चार्ट का पालन क्यों जरूरी हैं?

उत्तर: वैक्सीनेशन चार्ट का पालन बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने, उनका इम्यून सिस्टम मजबूत करने और समाज में रोगों के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी हैं।

Q: क्या वैक्सीनेशन से कोई साइड इफेक्ट्स होते हैं?

उत्तर: अधिकांश बच्चों को वैक्सीनेशन से कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होते, लेकिन कुछ बच्चों को हल्का बुखार या सूजन हो सकती है, जो कुछ दिनों में ठीक हो जाती हैं।

Q: अगर कोई बच्चा वैक्सीनेशन से चूक जाए तो क्या करें?

उत्तर: अगर बच्चा वैक्सीनेशन से चूक जाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर छूटी हुई डोज़ लगवानी चाहिए।

और अधिक मजेदार ब्लॉग पढ़े आशा हैं आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा

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